DETAILS, FICTION AND HINDI KAHANI

Details, Fiction and hindi kahani

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hindi kahani

नैतिक शिक्षा – दूसरों की भलाई करने से ख़ुशी मिलती है।

कोई बारह बज चुके थे। दुनिया के पर्दे से स्वप्न की रानी झाँक रही थी—विजेता की भाँति, उसके नूपुर के मिलन-गीत से पृथ्वी मूर्छित-सी होती जाती थी। वकील केशव के उस बड़े मकान के सभी कमरों की बत्तियाँ बुझ चुकी थीं, केवल सहाना का कमरा तब भी बिजली-शिखा से उज्ज्वल उषादेवी मित्र

से हमें यह सीख मिलता है कि आप के होने न होने से किसी पर ज्यादा कुछ असर नही पड़ता है.

शांति ने ऊबकर काग़ज़ के टुकड़े-टुकड़े कर दिए और उठकर अनमनी-सी कमरे में घूमने लगी। उसका मन स्वस्थ नहीं था, लिखते-लिखते उसका ध्यान बँट जाता था। केवल चार पंक्तियाँ वह लिखना चाहती थी; पर वह जो कुछ लिखना चाहती थी, उससे लिखा न जाता था। भावावेश में कुछ-का-कुछ उपेन्द्रनाथ अश्क

'.....हर कोई दूसरे को छल रहा है और हर कोई दूसरे के द्वारा छला गया है.

बाहरी साइटों का लिंक देने की हमारी नीति के बारे में पढ़ें.

कोई बच्चा गलती से उस गली में निकल जाता तो , उसके हाथों से खाने की चीज छीन कर भाग जाता ।

श्याम ने जवाब दिया कि जब आप बूढ़े होंगे तो आपको इस बर्तन की जरुरत पड़ेगी इसलिए बना रहा हु। अब मदन और उनकी पत्नी को अपनी गलती पर पछतावा हुआ। दोनों पति-पत्नी ने पिताजी से पैर छूकर क्षमा याचना की। बड़े लोग स्वभाव के सरल होते हैं अतः उनसे माफी मिलने में देरी नहीं होती।

चीनी के खिलौने, पैसे में दो; खेल लो, खिला लो, टूट जाए तो खा लो—पैसे में दो। सुरीली आवाज में यह कहता हुआ खिलौनेवाला एक छोटी-सी घंटी बजा रहा था। उसको आवाज सुनते ही त्रिवेणी बोल, उठी—माँ, पैसा दो, खिलौना लूँगी। आज पैसा नहीं है, बेटी। एक पैसा माँ, हाथ विनोदशंकर व्यास

एक दिन शेरू को राहुल ने एक रोटी ला कर दिया।

एक दिन की बात है, वेद को खेलते खेलते चोट लग गई। वेद के दोस्तों ने वेद को उठाकर घर पहुंचाया और उसकी मम्मी से उसके चोट लगने की बात बताई, इस पर वेद को मालिश किया गया।

एक दिन चुनमुन ने बच्चों को उड़ना सिखाने के लिए कहा।

उसकी मां अपने लंबे से सूंढ़ में लपेट कर चिंटू को जमीन पर ले आती है।

''एक राजा निरबंसिया थे”—माँ कहानी सुनाया करती थीं। उनके आसपास ही चार-पाँच बच्चे अपनी मुठ्ठियों में फूल दबाए कहानी समाप्त होने पर गौरों पर चढ़ाने के लिए उत्सुक-से बैठ जाते थे। आटे का सुंदर-सा चौक पुरा होता, उसी चौक पर मिट्टी की छः ग़ौरें रखी जातीं, जिनमें कमलेश्वर

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